The 5-Second Trick For hanuman chalisa
The 5-Second Trick For hanuman chalisa
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“Health conditions will be finished, all pains will probably be long gone, each time a devotee continuously repeats Hanuman the brave’s title.”
Remaining fully conscious of The shortage of my intelligence, I pray to you the son of Pavan, the Wind God (Hanuman). I humbly inquire you to definitely grant me energy, intelligence and knowledge and choose away all my afflictions and shortcomings.
भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
पिंक सिटी जयपुर के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिर
“O partial incarnation of Lord shiva, giver of Pleasure to King Kesari. Your good majesty is revered by The entire globe.”
Victory to Lord Hanuman, the ocean of wisdom and virtue. Victory on the Lord that's supreme among the monkeys, illuminator on the 3 worlds.
भावार्थ– आपने read more संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया। इस कार्य से प्रसन्न होकर भगवान् श्री राम ने आपको हृदय से लगा लिया।
खाटू वाला खुद खाटू से, तेरे लिए आएगा - भजन
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥
मति रामहि सों, गति रामहि सों, रति रामसों, रामहि को बलु है।
यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।
[Hath=hand, Bajra=Mace as strong as vajrayudha or diamond; au=and; dhvaja=flag; biraji=happen; kaandhe=on shoulders; munji=of munja grass; janeoo=upavita thread, sacred thread; Sajai=adorn ]